The Single Best Strategy To Use For mahavidya baglamukhi
The Single Best Strategy To Use For mahavidya baglamukhi
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मम सकल रिपूणां वाञ्मुखे स्तंभयाशु भगवति रिपुजिह्वां कीलय प्रस्थतुल्यां । व्यवसित खलबुद्धिं नाशयाशु प्रगल्भां मम कुरु बहुकार्यं सत् कृपेऽम्ब प्रसीद ।। व्रजतु मम रिपूणां सद्मनि प्रेतसंस्था करधृत गदयातां घातयित्वा शुरोषात् । सधन वसन ध्यानं सद्मतेषां प्रदह्य पुनरपि बगळे त्वं स्वस्थतां याहि शीघ्रम् ।।
आश्वीजस्य सितेपक्षे महाष्टम्यां दिवानिशं । यस् त्विदं पठते प्रेम्णा बगळा प्रीतिमेतिहि ।।
This mantra can help individuals to Recuperate from debts and escalate more property. Other than, it also safeguards from black magic.
गदाभिघातेन च दक्षिणेन पीताम्बराढ्यां द्विभुजां नमामि ॥ २॥
मकर संक्रांति की शुभकामनाएं: मकर संक्रांति को पूरे देश में लोग बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाते हैं। पतंगों…
Maa Baglamukhi is thought to show the tide from the favour of Her devotees even in one of the most hard of scenarios.
In her four-arm variety, she looks intense together with her 3rd eye, the place she has a bowl of demon blood along with a sword. Her crown is ornamented with a crescent moon and two golden cranes.
It protects from both of those visible and invisible adversaries in addition to towards the evil eye. It assists in minimizing or reducing the consequences of black magic website and features very long-expression defence.
पदार्चायां प्रीतिः प्रतिदिनमपूर्वा प्रभवतु यथाते प्रासन्नं प्रतिफल मपेक्ष्य प्रणमतां । अनल्पं तन्मातः भवति भृतभक्त्या भवतु नो दिशाऽतः सद् भक्तिं भुवि भगवतां भूरि भवदाम् ।।
This really is Probably the most impressive and helpful mantras of Maha vidya Bagalamukhi, which has lots of strategies over it.
Ordinarily, she is represented in two types; one with two fingers the place she's pulling the tongue in the demon (Rakshas) along with her left hand, although her correct hand is holding the club to strike the Satan.
A person emerges victorious more than all enemies both open up together with hidden through the divine grace on the Baglamukhi type of the Divine Mom.
सौवर्णासनसंस्थितां त्रिनयनां पीतांशुकोल्लासिनीं हेमाभाङ्गरुचिं शशाङ्कमुकुटां सच्चम्पकस्रग्युताम् ।
भारतीय तन्त्र-मन्त्र साहित्य अपने आप में अद्भुत, आश्चर्यजनक एवं रहस्यमय रहा है। ज्यों-ज्यों हम इसके रहस्य के मूल में जाते हैं, त्यों-त्यों हमें विलक्षण अनुभव होते हैं। इस साहित्य में कुछ तन्त्र-मन्त्र तो इतने समर्थ, बलशाली एवं शीघ्र फलदायी हैं कि चकित रह जाना पड़ता है। ऐसे ही यंत्रों में एक यन्त्र है- बगलामुखी यन्त्र जो किसी भी प्रचंड तूफ़ान से भी टक्कर लेने में समर्थ है। शत्रुओं पर हावी होने, बलवान शत्रुओं का मान-मर्दन करने, भूतप्रेतादि को दूर करने, हारते हुए मुक़दमों में सफलता पाने एवं समस्त प्रकार से उन्नति करने में बगलामुखी यन्त्र श्रेष्ठतम माना जाता है। जिसके पास यह यन्त्र होता है उस पर किया गया तान्त्रिक प्रभाव निष्फल रहता है।